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जॉन कीट्स के अनुसार ‘अ थिंग आफ ब्यूटी इज़ अ जॉय फॉरेवर’। लेकिन सौंदर्य के साथ ऐसा नहीं है। वास्तविकता यह है कि प्रतिदिन की भाग दौड़ का असर हमारे सौंदर्य पर भी पड़ता है। उम्र के असर से बचने का सबसे आसान उपाय है कि आप वो आहार लें जिनसे आपकी त्वचा पर उम्र के निशान देर से दिखें। इसके लिए आप नीचे बताई जा रही बातों पर ध्यान दें। 

भूले–बिसरे फल

यह कहना तर्कसंगत नहीं होगा कि सिर्फ एक फल आपके झुर्रिदार हाथों या पैरों की समस्या का समाधान निकालने में सहायक होंगे। सामयिक फलों का सेवन करें क्योंकि सामयिक फल के पोषण मूल अधिक होते हैं और इनका सेवन कर आप 50 की उम्र में भी 30 के दिख सकते हैं। जितना हो सके मौसमी सेब खायें क्योंकि यह कोलाजन के निर्माण में मदद करता है । कोलाजन के बनने से त्वचा में लचीलापन बना रहता है और झुर्रियां देर से पड़ती हैं। तरबूज में विटामिन सी अधिक मात्रा में होता है और इसका 92 प्रतिशत भाग पानी होता है। इससे आपके शरीर में तरल पदार्थ की कमी नहीं होगी । गर्मियों में तरबूज़ के रस का मज़ा आप नाश्ते के साथ भी ले सकते हैं। ब्लू‍बेरीज़ में विटामिन बी6, सी, के और डायटरी फाइबर पर्याप्तत मात्रा में होते हैं । इनसे आपके शरीर में एण्टीआक्सिडेंट्स की मात्रा की पूर्ती होती है ।
जब हम फलों की बात करते हैं तो सिर्फ सेब या केले का नाम हमें याद आता है । लेकिन हम यह भूल जाते हैं कि ताज़ा फलों में पोषक तत्व होते हैं। मैक्स अस्पताल की मुख्य आहार विशेषज्ञ डॉक्टर रितिका सामद्दार के अनुसार, दिन में एक फल खाने से आपकी त्वचा पर निखार आता है। इनमें पर्याप्त मात्रा में कैल्शीयम, मैगनीशियम, विटामिन सी, आयरन, बीटा कैरोटीन और फालिक एसिड होती है और बहुत कम मात्रा में कैलोरीज़ होती हैं। खट्टे फल जैसे नीबू, संतरे, कीनू, अंगूर का सेवन अधिक मात्रा में किया जाना चाहिए क्योंकि इनमें विटामिन सी अधिक मात्रा में होती है। विटामिन सी कोलाजन बनाने में मदद करता है और कोलाजन त्वचा के लिए प्रोटीन बनाता है। ब्लूबेरी, ब्लैकबेरीज़, चेरी, लाल और बैंगनी रंग के अंगूर, बीट और बैंगनी गोभी में एण्टीआक्सिडेंट्स अधिक मात्रा में होते हैं और इनसे झुर्रियां कम दिखती हैं। आडू और खुबानी में ज़रूरी एण्टी आक्सिडेंट्स होते हैं जो कि वृद्धावस्था की प्रक्रिया का मुकाबला करने में सक्षम होते हैं ।

स्थानीय और सामयिक फल 

  वो फल जिनमें कि फाइबर की मात्रा अधिक होती है जैसे एवोकैडो, अमरूद, खूबानी, अंजीर, डेट और करौंदा । इनसे हमारी पाचन क्रिया ठीक रहती है और कब्ज़ और बवासीर जैसी समस्याओं से भी राहत मिलती है । सेब, बेर, आडू और नाशपाती जैसे फलों को बिना छिलका उतारे खायें ।

रंग बिरंगे आहार

मैक्स हैल्थकेयर की मुख्य आहार विशेषज्ञ डॉक्टर रितिका समद्दार का कहना है कि इन्द्रधनुषी अवधारणा हमें यह याद दिलाती है कि हमें सफेद जंक फूड नहीं खाने चाहिए। उनका यह भी मानना है कि आगे जाकर रंग बिरंगे फलों के सेवन के साथ ही साबुत अनाज, के सेवन को भी बढ़ावा मिलता है । सुरक्षित रूप से यह कह सकते हैं कि समृद्ध रंग समृद्ध फल के पोषक मूल्य के बराबर होता है। यह कुछ इसी प्रकार से है कि इन्द्रधनूषी फलों में एण्टीआक्सिडेंट्स और फाइट्रोन्यूट्रियेंट्स की मात्रा अधिक होती है। फाइटोन्यूट्रियेंट्स पौधों द्वारा निर्मित होते हैं और पौधों के लिए पोषण का साधन होते हैं । रंग बिरंगे फल जैसे क्रेनबेरीज़, खरबूजे, प्लम और अंगूर का सेवन कर हम अपने शरीर को सही मात्रा में विटा‍मिन और एण्टी आक्सिडेंट्स दे सकते हैं जिससे कि हमारी त्वचा मजबूत और युवा दिखती है। 

फ्रूटी फाइबर

ध्‍यान रखें कि हमेशा स्वस्थ और जवां दिखने का सुनहरा तरीका है कि आप सवस्थ आहार लें। इसके लिए आपको सिर्फ इतना करने की आवश्यकता है कि आप अपना रेफ्रिजरेटर खोलें और रंग बिरंगे फलों का सेवन करें ना कि एण्टी एजिंग लोशन, झुर्रियों या आंखों के नीचे काले घेरों से बचने के लिए क्रीम लगायें। उम्र के असर को बेअसर करने का सबसे आसान उपाय है फलों का सेवन। तो क्‍यों ना चिरयुवा दिखने के लिए करें फलों का सेवन।

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